प्रदेशवार्ता. जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर जो भारी मात्रा में नकदी मिली थी, अब उसकी तस्दीक हो गई है. जांच कर रही इन हाउस समिति ने अपनी रिपोर्ट में इन आरोपों की पृष्टि की हैं. 14 मार्च को जज यशवंत वर्मा के आवासीय परिसर में स्थिति स्टोर में आग लग गई थी. तब अधजले नोट मिले थे. नकदी की बात पर न्यायामूर्ति वर्मा नकारते रहे थे. मुख्य न्यायाधीश को दिए जवाब में भी वे बार. बार इंकार करते रहे. नकदी का मामला सामने आने के बाद जस्टिस वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट से हटा दिया गया था. उनका ट्रांसफर इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर दिया गया था.
जांच कमेटी में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जी एस संधवालय और कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायमूर्ति अनु शिवरामन शामिल थीं। यह रिपोर्ट 3 मई को अंतिम रूप दी गई और 4 मई को चीफ जस्टिस को सौंपी गई थी। पैनल ने साक्ष्यों का विश्लेषण किया और 50 से अधिक लोगों के बयान दर्ज किए, जिनमें दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा और दिल्ली अग्निशमन सेवा प्रमुख भी शामिल थे, जो 14 मार्च को रात लगभग 11:35 बजे जस्टिस वर्मा के लुटियंस दिल्ली स्थित आवास पर आग लगने की घटना के शुरुआती जानकारी रखते थे। इस कमेटी ने नकद बरामदगी की पुष्टि की हैं.
