प्रदेशवार्ता. दो टाइगरों के बीच भीषण संघर्ष में एक की जान चली गई. जिस टाइगर की मौत हुई उसे हरियाणा के जंगल से लाकर छोडा गया था. बाहरी टाइगर अपना क्षेत्र भी बढाता जा रहा था लेकिन अंत में उसकी दुखद मौत हो गई. राजस्थान के रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में गुरुवार रात को दो बाघों के बीच टेरिटरी को लेकर संघर्ष हुआ, जिसमें आरवीटीआर-4 बाघ की मौत हो गई। रिजर्व के जंगल में आरवीटीआर-4 बाघ का शव संदिग्ध परिस्थितियों में पड़ा मिला। इस घटना से टाइगर रिजर्व प्रशासन में हड़कंप मच गया, वहीं वन्यजीव प्रेमियों में गहरी मायूसी छा गई। मिली जानकारी के अनुसार, मृतक बाघ की भिड़ंत आरवीटीआर-1 बाघ से हुई थी।
मृतक बाघ दस फीट लंबा और दो सौ किलो से अधिक वजन का था। एनक्लोजर में रहते हुए इसने करीब 10 शिकार किए थे, जिससे टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को उम्मीद थी कि यह जंगल में अपनी टेरिटरी बना लेगा। मृत बाघ सरिस्का टाइगर रिजर्व का 2303 नंबर बाघ था, जिसे 11 नवंबर को हरियाणा के झाबुआ के जंगलों से ट्रैंकुलाइज कर रामगढ़ लाया गया था। यह नर बाघ लगभग तीन साल का था और इसे बजलिया सॉफ्ट एंक्लोजर में 53 दिनों तक रखा गया था। 4 जनवरी को इसे एनक्लोजर से जंगल में छोड़ा गया, जहां इसे आरवीटीआर-4 नाम दिया गया था।
