प्रदेशवार्ता. किसान खेत पर से अवैध कब्जा हटवाने के लिए तहसीलदार न्यायालय में गया तो वहां पर काम अटक गया. तहसीलदार ने अपने ड्राइवर के माध्यम से नौ हजार रुपए की मांग रखी. किसान तैयार हो गया. एक किश्त में चार हजार रुपए भी दे दिए. तहसीलदार ने फिर से तीन हजार रुपए की मांग रखी तो किसान ने लोकायुक्त में शिकायत कर दी. सोमवार को लोकायुक्त पुलिस ने तहसीलदार को रंगे हाथ पकडा तो मुंह छूपाता फिर रहा था. पूरा मामला मप्र के पन्ना जिले की रैपुरा तहसील का हैं. यहा पर तहसीलदार चंद्रमणि सोनी किसान से रिश्वत लेते धरा गए.लोकायुक्त पुलिस कार्यालय सागर से मिली जानकारी अनुसार आवेदक किसान कल्याण सिंह की पत्नी द्रौपदी बाई को पैतृक रूप से कुछ ज़मीन ग्राम पिपरिया कला तहसील रैपुरा, जिला पन्ना में मिली है। इस जमीन पर उसके रिश्तेदारों ने कब्जा कर रखा है। जमीन को कब्जे से मुक्त कराने के लिए रैपुरा तहसीलदार चन्द्रमणि सोनी की तहसीलदार न्यायालय में धारा 250 भू राजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत बीते साल 26 दिसंबर 24 को द्रौपदी बाई की ओर से वाद दायर किया गया था। प्रकरण में आरोपी तहसीलदार द्वारा आदेश करने के लिए द्रौपदी बाई के पति कल्याण सिंह लोधी से 9000 रुपए रिश्वत की मांग की गई थी। वे पहली किश्त के रूप में 4000 रुपए अपने निजी वाहन इंद्रपाल सिंह लोधी के माध्यम से ले चुके थे। इसके बाद भी आदेश न देने पर कल्याण सिंह लोधी द्वारा लोकायुक्त पुलिस सागर आकर शिकायत की गई थी।
आवेदक कल्याण को 3000 रुपए के केमिकल लगे हुए नोट देकर तहसीलदार को देने के लिए भेजा गया था। रुपए के लेनदेन होने के बाद जैसे ही टीम को किसान कल्याण सिंह ने इशारा दिया तो तहसीलदार को उनके ही कार्यालय में तत्काल रिश्वत के नोट के साथ गिरफ्तार कर लिया गया।
