वन विभाग ने पीएम के बाद तेंदुए का किया अंतिम संस्कार
कन्नौद। जंगल में तेंदुए की मौत हो गई ।सूचना पर वन विभाग का अमला पहुंचा और मौत के कारणों की खोज पडताल शुरू करी। अवैध शिकार के कारण तो तेंदुए को नहीं मारा गया इस बात की पडताल के लिए एसटीएफ के डाग स्क्वाड को बुलाया गया जिसने जंगल की सर्चिग करी। तेंदुए एकदम सेहतमंद था, संभवतः किसी दूसरे जंगली जानवर से संघर्ष में जान चली गई. तेंदुए के गर्दन पर गहरे निशान मिले जिसके चलते तेंदुए की मौत हो गई ।वन विभाग ने पोस्टमार्टम के बाद तेंदुए का अंतिम संस्कार कर दिया।
29 नवंबर शुक्रवार के दिन सुबह 11.20 बजे वन परिक्षेत्र कन्नौद की बीट सोनखेड़ी के आरक्षित वन कक्ष क्रमांक 276 में वनभ्रमण के दौरान मृत तेन्दुआ मिला। घटना की सूचना मिलते ही प्रथम दृष्टया अवैध शिकार की संभावना को देखते हुए क्षेत्र की घेराबंदी कर तत्काल एसटीएफ़(स्टेट टाइगर फ़ोर्स) के डॉगस्क्वाड को बुलाने हेतु सूचना दी गई। शनिवार को सुबह 7:30 बजे सभी अधिकारियों की उपस्थिति में स्निफ़र डॉग द्वारा तेंदुए के मृत्यु स्थल एवं आस पास के क्षेत्र की सर्चिंग कराई गई। तेंदुए के शव का परीक्षण करने पर मृत नर तेंदुआ के सभी अंग सुरक्षित पाए गए। केवल गले में गहरे घाव पाए गए, जोकि किसी अन्य मांसाहारी वन्यप्राणी से संघर्ष के कारण हो सकते है। मौके से मृत तेंदुए को वनस्टाफ द्वारा डिपो जंजालखेड़ी लाया गया, जहां पशु चिकित्सक डॉ जे.पी. यादव एवं डॉ टीनू जैन द्वारा दोपहर 1:30 बजे शव का पोस्टमार्टम करवाया गया, जिसमें तेंदुए के गले के दाहिनी ओर गहरा घाव पाया गया एवं विस्तृत पोस्टमार्टम रिपोर्ट हेतु जानकारी संकलित की गई। शव का दाह संस्कार दोपहर 2:30 बजे वनमण्डलाधिकारी देवास प्रदीप मिश्रा, उप वनमण्डलाधिकारी एस.एल. यादव, अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) प्रवीण प्रजापति, जनप्रतिनिधि नबाव खां(सरपंच सोनखेड़ी) के समक्ष किया गया । प्रकरण में वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया। उक्त कार्य में वन परिक्षेत्र अधिकारी सृजन जाधव, राजेश मालवीय, उ.व.क्षे., केदारनाराययण कलम, अजय श्रीवास वनपाल तथा परिक्षैत्र कन्नौद के वन स्टाफ उपस्थित थे।
