प्रदेशवार्ता. शिव मंदिर में मौजूद पेड रहस्य रोमांच से भरा हैं. पेड की जडें कहां मौजूद हैं कोई खोज नहीं सका. आज प्राचीन मंदिर में आस्था का सैलाब हैं. मप्र के बालाघाट जिले की कटंगी तहसील में आने वाली ग्राम पंचायत जाम में एक दसवीं शताब्दी का शिव मंदिर हैं. इस मंदिर की छत पर खडा पेड हैं. जो काफी पुराना हैं. इसे मंदिर निर्माण के समय का ही बताया जाता हैं. ये पेड रहस्य से भरा हैं. इस विशाल पेड की जडे कहां मौजूद हैं..? ये आज तक कोई खोज नहीं सका. पेड की जडें नहीं दिखती लेकिन ये मजबूती से आज भी खडा हैं. आंधी तुफान आए. क्षेत्र के कई पेड उखड गए, ये पेड आंधी तुफान को भी सहजता से झेल गया. इस पेड की जांच के लिए पुरात्व शोध संस्थान की टीम भी आई, जांच करी, लेकिन इस पेड की जडों को नहीं खोज सकी. एक खास बात और इस पेड के साथ है. पेड पर जो फल पकते हैं, उसकी आकृति शिवलिंग के समान निकलती हैं. स्वाद कच्चे आम की तरह हैं. पूरे क्षेत्र में ऐसा पेड मौजूद नहीं हैं. ये कौन सी प्रजाति का पेड है, किसी को जानकारी नहीं. एक मान्यता यह भी है कि इस पेड के फल हर किसी को नसीब नहीं होते. किसी भाग्यशाली को ही ये फल मिलता हैं. मंदिर की बनावट काफी पुरानी हैं. माना जाता है कि ये दसवीं शताब्दी का हैं. इस जामेश्वर मंदिर में मप्र के अलावा महाराष्ट, छत्तीसगढ व अन्य राज्यों के भक्त आते हैं. महाशिवरात्रि में यहां मेला लगा हैं. गांव के लोग कहते हैं जब कोरोना में कोई नहीं बच पा रहा था, तब भी जामेश्वर शिव ने उनके गांव को बचाया. गांव में एक भी व्यक्ति कोरोना की चपेट में नहीं आया.
