प्रदेशवार्ता. देवास जिले के किसान अपनी एक पुरानी बुरी आदत से तौबा कर ले. अब सुधर जाए और शासन का आदेश पूरी तरह माने. दरअसल देवास का जिला प्रशासन पिछले दो माह से लगातार किसानों को समझा रहा है, सहयोग मांग रहा है ताकि पर्यावरण के साथ ही खेत की जमीन बंजर होने से बच जाए. किसानों को जागरूक करने के साथ ही जिला प्रशासन ने सहयोग का हाथ भी बढाया. कृषि संगोष्ठियां आयोजित कराई, कृषि विभाग के अफसर किसानों के बीच पहुंचे और काफी कुछ समझाया. दरअसल देवास जिला भी मप्र के उन जिलों में अग्रिम पंक्ति में शुमार हैं जहां गेहूं कटाई के बाद खेत को आग के हवाले कर दिया जाता हैं. खेत दर खेत आग की लपटे नजर आती हैं. पिछले साल ही गेहूं कटाई के बाद देवास जिले के किसानों ने जमकर नरवाई जलाई. मप्र शासन के इस बार सख्त निर्देश है. साफ कर दिया है कि किसानों को नरवाई जलाने से जिला प्रशासन रोके. देवास के जिला प्रशासन ने पहले खूब समझाइश दी, अब कार्यवाही की तैयारी कर ली हैं. देवास जिले के किसानों पर सैटेलाइट से नजर रखी जा रही हैं. अब सैटेलाइट की रिपोर्ट भी जिला प्रशासन के पास पहुंचने लगी हैं. याने जिले के किस क्षेत्र के किसान नरवाई जला रहे, ये अब सेटेलाइट से पता चल रहा हैं. ऐसे में नरवाई जलाने वालों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज किया जाएगा. वहीं खेत की भूमि के अनुसार ढाई हजार से पंद्राह हजार रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा.
