प्रदेशवार्ता. देवास पुलिस का शुरू किया गया नवाचार चोरी रोकने में सफल हो रहा हैं. देवास पुलिस पिछले 115 दिनों से जनता का सहयोग लेकर सीसीटीवी कैमरे लगवा रही हैं. कैमरों के लिए बाजार और संवेदनशील क्षेत्र चुने गए हैं. पुलिस का अपना इनपुट भी हैं. इस आधार पर जिलेभर की निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लग रहे हैं. देवास पुलिस ने अब तक 1032 कैमरे अलग. अलग जगहों पर लगा भी दिए हैं. इन कैमरों को लगाने में जो राशि खर्च आ रही है उसमें जनता का सहयोग बढ चढकर मिल रहा हैं. अब तक कैमरे लगाने के अभियान में 36 लाख 12 हजार रुपए का खर्च आया हैं. इस अभियान ने जनता का भरोसा पुलिस पर भी बढाया हैं. कई हल्ले और विवाद तीसरी आंख लगाने से टल जाएंगे. अभी कैमरे लगाने का अभियान चल ही रहा है और देवास पुलिस को सफलता भी मिलने लगी है. जो सीसीटीवी कैमरे लगे उनकी मदद से 50 चोरों को पुलिस ने पकडा हैं.
पुलिस अधीक्षक पुनीत गेहलोद के अनुसार “सीसीटीव्ही कैमरा” जहां एक तरफ़ अपराधियों पर अंकुश लगाते हैं,वहीं दूसरी तरफ़ किसी अपराध के घटित होने के उपरांत अपराधियों की त्वरित पहचान में भी बड़ी मदद करते हैं। इसी के साथ सीसीटीव्ही फुटेज, पुलिस विवेचना में अहम साक्ष्य बनते हैं. “ऑपरेशन त्रिनेत्रम” की ख़ास बात यह है कि जिला पुलिस के अभिप्रेरण उपरांत स्वयं जिलेवासियों द्वारा अधिक से अधिक संख्या में सीसीटीव्ही कैमरा लगवाने हेतु पुलिस को सहयोग प्रदान किया जा रहा है. सीसीटीव्ही कैमरा का स्थान स्थानीय पुलिस द्वारा किए गए “सुरक्षा-ऑडिट” के आधार पर निर्धारित किया जा रहा है,उक्त सुरक्षा ऑडिट में महिलाओं/बच्चियों के साथ होने वाली छेड़छाड़ की जगहों,चोरी नक़बज़नी के संवेदनशील क्षेत्रों,व्यस्ततम इलाक़ों जैसे बस स्टैंड/सराफ़ा बाज़ार आदि को वैज्ञानिक ढंग से चिह्नित किया गया है. साथ ही उक्त समस्त सीसीटीव्ही कैमरा को एक नेटवर्क में जोड़ते हुए उसका लाइव फीड भी स्थानीय थाना पर दिया जा रहा है जहां से पुलिसकर्मियों के द्वारा सतत निगाह गांव/क़स्बों में रखी जा रही है. इस अभियान को अपने शुरुआती दिनों में ही स्थानीय जनता का बेहद सकारात्मक सहयोग प्राप्त हो रहा है.
