प्रदेशवार्ता. देश ने कैंसर जैसी घातक बीमारी के सफल इलाज की तरफ कदम बडा दिए हैं. कैंसर की ये वैक्सीन जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने तैयार की हैं. वैक्सीन ब्लड कैंसर पर काम कर रही हैं. क्लीनिकल ट्रायल में एक मरीज को डोज दिया गया, जिसके परिणाम सकारात्मक आए. खास बात ये है कि इस वैक्सीन का कोई दुष्प्रभाव भी सामने नहीं आया हैं. जामिया के शोधकर्ताओं ने ब्लड कैंसर से जुझ रहे एक मरीज को वैक्सीन का डोज दिया था. मरीज गंभीर था तथा उसका कैंसर चौथे स्टेज पर जा चुका था. अब चौथी स्टेज का मरीज ठीक हो चुका हैं. उत्साही परिणाम आने के बाद सात अन्य मरीजों पर ट्रायल जारी हैं. वैक्सीन असिस्टेंट प्रोफेसर डा. तनवीर अहमद के नेतृत्व में तैयार हुई. इसे तैयार करने में आठ. दस शोधकर्ता तीन साल से लगे थे. डा. अरीज अख्तर जो की शोध टीम का हिस्सा हैं वे बताती है कि टी सेल को मजबूत करने के लिए उन्हें ब्लड से बाहर निकालकर लैब में टी सेल को दूसरे वायरस के साथ मॉडिफिकेशन किया है। जिससे टी सेल को संक्रमण से लड़ने में मजबूत बनाया जा सके। फिर वापस मरीज के शरीर में इंजेक्शन से टी सेल को डालते है। इस प्रक्रिया को जीन थेरेपी कहते है। इस शोध को फरवरी 2025 में इंटरनेशनल जर्नल सेल रिपोर्ट मेडिसिन ने स्वीकार कर लिया है। वैक्सीन के पेटेंट के लिए आवेदन किया जा चुका है। शोधकर्ताओं का दावा है कि ब्लड कैंसर के मरीजों के लिए यह वैक्सीन किफायती दरों पर भविष्य में उपलब्ध होगी। इसमें तीन-चार साल का समय लग जाएगा।
