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दो साल पहले मारे थे बाघ, अब कबूलनामा..बाघों की हड्डियों से बनती गोंद, विदेशों में इसकी भारी मांग


प्रदेशवार्ता. मप्र की जमीन पर बडा शिकारी गिरोह है. सरगना भी कटनी का रहने वाला है. सरगना की अगुवाई में ये गिरोह भारत, चीन और वियेतनाम तक फैला हुआ है. माना जा रहा है कि इस गिरोह ने अपने आकाओं के निर्देश पर पूरे भारत में बाघों का शिकार किया है। दो साल पहले मप्र के बालाघाट में भी इस गिरोह के सदस्यों ने दो बाघों का शिकार किया था. दरअसल बाघों की हड्डियों से गोंद बनाई जाती हैं, जिसकी भारी मांग विदेशों में हैं. इस धंधे में उतरकर गिरोह ने करोडो रुपए का लेन देन किया. इस गिरोह का खुलासा महाराष्ट में पकडे जाने के बाद हुआ. जिसके बाद इनके गुनाहों की परतें बाहर आ रही हैं.
अजीत राजगोंड गिरोह से जुड़े करोड़ों रुपये के वित्तीय लेनदेन का पता चलने के बाद रेड अलर्ट जारी किया गया है। इनके खुलासे के बाद एमपी वन विभाग एक्शन मोड में आ गया हैं. मप्र के वन विभाग ने इन आपराधिक गतिविधियों की जांच और उन्हें खत्म करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। विशेष रूप से लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है.
महाराष्ट में अपने कबूलनामे के अनुसार गिरोह ने दोनों बाघों को 2023 में बालाघाट वन विकास निगम क्षेत्र में मारा था। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एल. कृष्णमूर्ति ने बताया कि इन जानकारियों को गंभीरता से लेते हुए, हमने एसटीएसएफ को मामला दर्ज करने और विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है। आगे की पूछताछ के लिए संदिग्धों को ट्रांजिट रिमांड पर लाया जाएगा।

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