प्रदेशवार्ता. विभाग ने नौकरी पत्नी को दी. ठाठ से नौकरी करने पति महोदय आते रहे. नौकरी देने वाला विभाग इस बात से बेखबर रहा. पति ने इनाम में मिली नौकरी में तीन साल में ही कमाल कर दिया. तीन साल में 55 लाख रुपए हजम कर लिए. गडबडी का खुलासा हुआ तब विभाग को पता चला कि असल नौकरी तो पत्नी को दी थी.
घपले का ये अनोखा मामला मप्र के रीवा में सामने आया हैं. रीवा की बाणसागर परियोजना के तहत क्योंटी नहर संभाग में यह फर्जीवाड़ा हुआ. बाणसागर परियोजना में कंप्यूटर ऑपरेटर के तौर पर नौकरी दुर्गेश गुप्ता नाम की महिला को मिली थी. लेकिन कामकाज महिला के पति संतोष गुप्ता ने संभाल लिया. विभाग को यह बात पता नहीं थी। संतोष गुप्ता ने आराम से नौकरी करते. करते कई साल निकाल दिए.
पत्नी की जगह नौकरी कर रहे पति ने 2019-20 में 36.94 लाख रुपए का गबन किया. इतने बडे गबन से अफसर एक साल बाद तक अंजान रहे. वो यहीं नहीं रूका. अगले साल 2020-2021 में 18.43 लाख रुपए का गबन किया. करीब तीन साल बाद ये घपला उजागर हुआ तो बाणसागर, क्योंटी नहर परियोजना और नईगढी परियोजना के अधिकारियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी ने बताया कि अफसरों की शिकायत के बाद पति संतोष गुप्ता और पत्नी दुर्गेश गुप्ता के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया हैं.
संतोष काफी शातिर था. साल 2020 में परियोजना के कर्मचारी गिरीश कुमार मिश्रा का निधन हो गया था. मृतक कर्मचारी के वेतन का 1.6 लाख रुपए बकाया था, लेकिन संतोष गुप्ता ने जालसाजी से पहले तो 35.53 लाख रुपए मिश्रा के खाते में डलवाए, बाद में यही पैसा अपने खाते में ट्रांसफर करवा लिया. घपले की जांच चल रही हैं. पडताल में कुछ और फर्जी बिल, बाउचर सामने आ सकते हैं. विभाग के किन लोगों की मिलीभगत रही यह भी सामने आना हैं.
