प्रदेशवार्ता. खेत की बंजर जमीन को अब पानी नसीब होगा. खेत तक पानी लाने के लिए पति. पत्नी ने कठिन संकल्प लेकर पांच साल पहले कुआं खोदना शुरू किया था. आज ये मेहनत अपने मुकाम पर पहुंची और कुएं से पानी झांकने लगा तो पति. पत्नी की खुशियों का ठिकाना नहीं था. सबकुछ आसान नहीं था लेकिन कहते है न की जहा चाह वहा राह. कुआं खोदकर पानी निकालने वाले ये दंपत्ति मप्र के टीकमगढ जिले के बडवाह तहसील के अंतर्गत आने वाली जमुनिया खेरा गांव के रहने वाले हैं. आदिवासी दंपत्ति के पास पांच एकड खेत की जमीन है, लेकिन वो पूरी तरह से बंजर हैं. बंजर जमीन पर कुछ पैदा नहीं होता था. 65 साल के दीपचंद कहते हैं कि खेत की जमीन को हराभरा करने की राय पत्नी ने उनको दी. ऐसा नहीं है कि दंपत्ति ने कुआं खुदवाने के लिए सरकारी सहायता न मांगी हो, इसके लिए कोशिशे की, खूब विभागों के चक्कर लगाए लेकिन निराशा ही हाथ लगी. तब दंपत्ति ने संकल्प लिया कि वे अब खुद ही कुआं खोदेंगे. फिर क्या था पांच साल पहले कुआं खोदने का काम आदिवासी दंपत्ति ने शुरू कर दिया. पांच साल की कडी मेहनत रंग लाई और 15 फीट का कुआं तैयार हो गया.
