प्रदेशवार्ता. बाप मौत के बाद कांधे को भी तरस गया. बेटे को संपत्ति नहीं मिली तो उसने अंतिम संस्कार से भी मना कर दिया. बुजुर्ग की मौत शुक्रवार शाम को हुई. अंतिम संस्कार शनिवार दोपहर के बाद हो सका. . बहन संपत्ति में आधा हिस्सा देने को तैयार हुई तब जाकर बेटे का दिल पसीजा. सख्त बेरूखी का ये मामला टीकमगढ़ में सामने आया हैं. तालमऊ में शुक्रवार को बुजुर्ग चिन्ना अहिरवार का शाम करीब चार बजे निधन हो गया. लोग उनके घर पहुंचने लगे. लेकिन ग्रामीणों को वहां विवाद की स्थिति देखने को मिली. विवाद के चलते शनिवार दोपहर तक बुजुर्ग का अंतिम संस्कार नहीं हो सका. बुजुर्ग चिन्ना अहिरवार के इकलौते बेटे थे राजू अहिरवार. राजू के मना करने से ये स्थिति बनी. बेटा किसी भी कीमत पर बाप के अंतिम संस्कार के लिए राजी नहीं हो रहा था. राजू का कहना था कि पैतृक गांव की जमीन पिता ने बहन के नाम कर दी. इसलिए अब उनकी जिम्मेदारी नहीं है कि वो अपने पिता का अंतिम संस्कार करे. पहले गांव वालों ने राजू को समझाया, जब 22 घंटे बाद भी बेटा मानने को तैयार नहीं हुआ तो पुलिस को सूचना की गई. पुलिस और ग्रामीणों की समझाइश पर भी राजू नहीं माना. उसका कहना था कि ये उसकी जिम्मेदारी में नहीं आता. जिसे पैतृक संपत्ति मिली है वहीं अंतिम संस्कार करे.आखिरकार जब बेटे को संपत्ति में आधा हिस्सा मिल गया तो वो अंतिम संस्कार के लिए तैयार हुआ. पिता का शव 23 घंटे तक कांधे का इंतजार करता रहा. ये इंतजार बेटे की मांगे पूरी होने के बाद ही खत्म हुआ.
