प्रदेशवार्ता. अब भी गांव के दबंग नहीं मानते. मप्र में अभी कुछ दिन पहले दलित दूल्हे को पुलिस ने सुरक्षा मुहैया कराई थी. अब राजस्थान की एक बारात चर्चा में हैं. गांव के प्रभावशाली हस्तक्षेप करके माहौल न बिगाड दे इस डर से लडकी वालों ने पुलिस फोर्स बुलवा लिया. दूल्हा बैंक कर्मचारी हैं. अजमेर जिले के श्रीनगर थाना इलाके में स्थित लवेरा गांव का नजारा ही अलग था. घोडी पर दूल्हा था तो नाचते गाते बरातियों को घेरे हुए पुलिस बल. बारात में 75 से ज्यादा पुलिस जवान थे. ये संख्या बरातियों से भी ज्यादा थी. इस गांव के रहने वाले नारायण लाल रैगर की बेटी की शादी में बारात को पुलिस ने सुरक्षा घेरा दिया हुआ था. बारात में एडिशनल एसपी डा. दीपक समेत करीब 75 पुलिसकर्मी इस बारात का हिस्सा बने. पुलिस की सुरक्षा में बारात दुल्हन के दरवाजे पर पहुंची और उसके बाद विवाह की अन्य रस्में पूरी हुई. जब तक पूरी तरह से विवाह संपन्न नहीं हो गया पुलिस गांव में मौजूद रही. दरअसल जिस परिवार में शादी थी उसके साथ पुरानी कडवी यादें भी जुडी हुई है. आज से बीस साल पहले सन् 2005 में नारायणलाल की बहन की बारात को गांव के दबंगों ने नहीं निकलने दिया था. दूल्हे के घोडी पर बैठने पर आपत्ति लगाई गई थी. विवाद से घबराकर घोडी वाला अपनी घोडी लेकर ही गांव से गायब हो गया था. बाद में दूल्हा पुलिस की जीप में बारात लेकर दुल्हन के घर पहुंचा था. बहन की बारात के कटु अनुभव बेटी की बारात में फिर से न दोहराए जाए इसे लेकर परिवार ने मानवाधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था तथा सुरक्षा की मांग की थी. पुलिस ने पूरी बारात को सुरक्षा कवर दिया. अधिकार खुद ड्रोन से निगरानी रख रहे थे.
