प्रदेशवार्ता. गिरफ्तारी के डर से भागते फिर रहे तहसीलदार को आखिरकार शासन ने सस्पेंड कर दिया हैं. एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था, जिसके बाद से ही तहसीलदार फरार हैं.
ग्वालियर में पदस्थ तहसीलदार पर दुष्कर्म के आरोप के बाद शासन ने बैतुल ट्रांसफर किया था, लेकिन तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान ज्वाइन करने नहीं आए. अब शासन ने एक तरफा कार्रवाई करते हुए तहसीलदार को सस्पेंड कर दिया हैं. आरोपी तहसीलदार पर महिला ने शादी का झांसा देकर रेप करने का आरोप लगाया था. ग्वालियर महिला थाने में पत्नी होने का दावा करने वाली महिला ने प्रकरण भी दर्ज कराया. केस दर्ज होने के बाद से ही तहसीलदार शत्रुघ्न सिंह चौहान फरार चल रहे थे. गिरफ्तारी से बचने के लिए तहसीलदार ने पहले जिला कोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका लगाई, यहां से याचिका निरस्त हो गई. बाद में हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का भी रूख किया, लेकिन तहसीलदार को अग्रिम जमानत नहीं मिली. पुलिस ने तहसीलदार पर 10 हज़ार का ईनाम भी घोषित किया हुआ है. महिला का आरोप है कि 2006 में उसके पति का देहांत हो गया था. दो साल बाद उसकी मुलाकात शत्रुघन सिंह से हुई थी. 2010 में तहसीलदार ने मंदिर में शादी की और 17 साल से यौन शोषण किया. इस दौरान 2014 में उसने शत्रुघ्न के बेटे को भी जन्म दिया. शिकायत में यह भी बताया कि तहसीलदार ने पोस्टिंग वाली जगह पर हमेशा साथ रखा.
