प्रदेशवार्ता. मप्र में आडिट विभाग खुद कटघरे में खडा हो गया हैं. जबलपुर में निधि संपरीक्षा कार्यालय में बडा घपला सामने आया हैं. इस विभाग का काम स्थानीय विभागों का आडिट करना होता हैं. लेकिन अब इस विभाग से जुडे पांच अधिकारियों पर केस दर्ज हुआ हैं. इन पांच अधिकारियों ने मिलकर बडा वित्तीय घोटाल कर दिया. फर्जी बिल और दस्तावेज के सहारे 6.99 करोडों का घोटाल सामने आया हैं. जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर जिला कोषालय अधिकारी विनायिका लकरा ने ओमती थाने पर प्रकरण दर्ज कराई हैं. जिन अधिकारियों पर केस दर्ज हुआ उनके नाम संदीप शर्मा, सीमा अमित तिवारी, मनोज बरहैया, प्रिया विश्नोई, अनुप कुमार मौर्य हैं. 28 फरवरी 25 को इस घोटाले का खुलासा उस समय हुआ जब संलग्न स्वीकृति आदेश त्रुटिपूर्ण पाया गया. जिसके बाद जिला कोषालय ने आंतरिक जांच शुरू की. जांच में सामने आया कि फरवरी 2024 से जनवरी 2025 के बीच कार्यालय के बाबू संदीप शर्मा ने अपने वेतन देयक में अत्यधिक व्यक्तिगत वेतनवृद्धि दिखाकर लगभग 53 लाख 55 हजार रुपए कर अतिरिक्त आहरण कर लिया था. बाबू संदीप की सैलरी 44 हजार रुपए थी, बाबू ने इसे बढ़ाकर 4 लाख 44 हजार रुपए कर ली.
कलेक्टर ने 6 मार्च को जांच के लिए आठ सदस्यीय समिति बनाई थी. समिति ने 11 मार्च को अपनी रिपोर्ट सौंपी. जांच में पाया गया कि आरोपियों ने अपने शासकीय पद का दुरुपयोग कर षड्यंत्रपूर्वक फर्जी बिल और दस्तावेज तैयार कर घपला किया. आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 409, 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी के साथ बीएनएस की धारा 316(5), 319(2), 318(4), 338, 336(3), 340(2) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया हैं.
