प्रदेशवार्ता. इंदौर मप्र की आर्थिक राजधानी, जो इस शहर में आया तरक्की करके गया. इस शहर में भिक्षावृत्ति भी लाभ का धंधा बन गया. भिक्षावृत्ति में कमाई का प्रचार प्रसार इतना हुआ की दूसरे राज्यों से भी भिखारी यहां आने लगे. इंदौर में जिला प्रशासन की मुहिम में एक भिखारी ऐसा पकडाया जो की आंध्रप्रदेश से इंदौर भिक्षावृत्ति के लिए आता था. पकडा गया पुरुष भिखारी आंध्र के कुरनूल जिले का रहवासी था. अधिकारियों ने उसे भीख मांगते पकडा तो उसके पास से रेलवे के टिकट भी मिले. वो 2 दिसंबर को कुरनूल से भोपाल व भोपाल से इंदौर पहुंचा था. ये व्यक्ति ट्रेन में स्लीपर क्लास से आना जाना करता था. उसके पास वापसी का स्लीपर क्लास का टिकट भी था, वापसी से पहले ही वो धरा गया. नकद तीस हजार भी उसके पास से मिले. वहीं अभियान में एक महिला भी पकडाई जो मस्जिद के बाहर भीख मांगती थी. महिला बाल विकास विभाग की टीम ने एमजी रोड पर स्थित मस्जिद के बाहर महिला भिखारी को पकडा तो उसके पास 45 हजार रुपए नकद मिले. अलग अलग क्षेत्रों से टीम भिखारियों को पकड रही है ताकि इंदौर को भिखारी मुक्त शहर बनाया जाए. धरपकड की जानकारी लगने पर कई भिखारी शहर छोडकर भाग चुके हैं.
