प्रदेशवार्ता. केंद्र सरकार ने तीस हजार करोड रुपए जल जीवन मिशन योजना में भेजे थे. अब इस तीस हजार करोड रुपए में से एक हजार करोड रुपए का कमीशन खाने के गंभीर आरोप मंत्री पर लगे हैं. बात आरोप तक ही रहती तो ज्यादा चर्चा नहीं होती. लेकिन इस मामले पर केंद्र सरकार ने संज्ञान ले लिया. केंद्र के आदेश पर अब जांच बैठी तो पीएचई विभाग में हडकंप मच गया. सरकार के स्तर पर भी हलचल हैं. विभाग की मंत्री सीधे जांच के दायरे में आ गई हैं.
पूर्व विधायक किशोर समरीते ने प्रधानमंत्री को 12 अप्रैल 2025 को मामले की शिकायत करते हुए पत्र भेजा था. किशोर समरीते ने आरोप लगाया कि प्रदेश में हजारों काम के फर्जी प्रमाण पत्र केंद्र को भेजे गए हैं। सीबीआई जांच कराई जाए तो यह देश का बड़ा घोटाला निकलेगा। इस पत्र में उन्होंने विस्तार से घोटाले का ब्यौरा रखा था. बताया कि मध्यप्रदेश में जल जीवन मिशन की केंद्र द्वारा दी गई 30 हजार करोड़ की राशि में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की मंत्री संपतिया उइके ने एक हजार करोड़ रुपए का कमीशन लिया है। किशोर समरीते ने ईएनसी बीके सोनगरिया पर भी अपने एकाउंटेंट महेंद्र खरे के माध्यम से कमीशन लेने का आरोप लगाया।
इस पर पीएमओ और केंद्र सरकार ने रिपोर्ट मांगी। इसके बाद पीएचई के प्रमुख अभियंता ने जांच के आदेश दे दिए हैं। विभाग के अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं।
