प्रदेशवार्ता. महिला बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर को रिश्वत मांगना महंगा पड गया. हाथ में पैसे लेते ही लोकायुक्त ने पकड लिया. इस कार्रवाई से विभाग में हडकंप मच गया. इन दिनों रिश्वतखोरों को लोकायुक्त पुलिस घेराबंदी करके पकड रही हैं. शिकायत लेकर लोग भी आगे आ रहे हैं.
महिला एवं बाल विकास विभाग धार की एक सुपरवाइजर स्व-सहायता समूह की संचालक से रिश्वत लेते हुए पकडी गई. सुपरवाइजर आंगनबाड़ी के बच्चों के लिए मध्याह्न भोजन की राशि स्वीकृत करने के बदले पैसों की मांग कर रही थी. लोकायुक्त टीम ने मंगलवार को पैसे लेते पकड लिया. ग्राम भमोरी, तहसील कुक्षी निवासी सुशीला बघेल राधाकृष्ण स्व-सहायता समूह चलाती है, वे इस समूह की संचालक हैं. समूह बीते छह वर्षों से आंगनबाड़ी केंद्रों में मध्याह्न भोजन बनाने और वितरित करने का कार्य कर रहा है। इस कार्य के लिए शासन द्वारा प्रतिमाह 9,000 की राशि समूह के खाते में महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से डाली जाती है। आरोप है कि विभाग की पर्यवेक्षक (एवं अतिरिक्त प्रभार परियोजना अधिकारी) पुष्पा बेनल ने मार्च और अप्रैल 2025 की बकाया राशि डालने तथा मई माह की राशि स्वीकृत करवाने के एवज में 6,000 की रिश्वत मांगी। शिकायत लोकायुक्त इंदौर पहुंची. 3 जून को निसरपुर स्थित पुष्पा बेनल के निवास पर लोकायुक्त टीम ने दबिश दी और उन्हें 4,000 की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया।
