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शासन के हर काम में हम रहते आगे, जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया जाए तब तक हमें मिले तृतीय. चतुर्थ श्रेणी का दर्जा

प्रदेशवार्ता. अमलतास हॉस्पिटल में किलकारी योजना के अंतर्गत कुपोषित बच्चों के शिविर में पधारी केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री सावित्री ठाकुर से आंगनवाडी कार्यकर्ता व सहायिका, तथा मिनी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं की मांगों के संबंध में ज्ञापन दिया गया. संगठन की प्रदेश महामंत्री रंजना राणा के नेतृत्व में ज्ञापन दिया गया. ज्ञापन में बताया गया कि केन्द्र एवं राज्य शासन द्वारा संचालित आंगनवाडी केन्द्र शासन के जन हितेषी योजनाओं के क्रियान्वन अपनी अहम भूमिका निभा रही है. शासन के समस्त कार्य भी आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता और सहायिकाएं करती आ रही हैं. चाहे चुनाव कार्य हो या फिर जनगणना,आधार कार्ड, परिवार नियोजन आदि सहित अन्य समस्त शासन के कामों को आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता व सहायिकाएं पूरा करती हैं. लेकिन बडे दुख की बात है कि समर्पित भाव से कार्य करने वाली आंगनवाडी कार्यकर्ता, सहायिकाएं सबसे अधिक भेदभाव से पीडित है. ज्ञापन में मांग की गई कि आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका को जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता तब तक उन्हें तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी का दर्जा दिया जाए। संपर्क एप में ग्रामीण कार्यकर्ताओं को नेटवर्क समस्याओं का सामना करना पड रहा जिसके चलते वह अपना कार्य समय से संपादित नहीं कर पा रही है और शासन द्वारा जो मोबाइल हमें दिए गए उसमें कार्य करने पर दिक्कत आ रही है। शासन द्वारा दो एप में कार्य करवाया जा रहा है, हम एक एप पर काम कर सकते है। नवीन हितग्राहियों के फेस केप्चर करने में कार्यकर्ताओं को समस्या आ रही है. हितग्राही समय पर ओ.टी.पी. देने से डरते है। प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना में फेस केप्चर को हटाया जाए, ताकि अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभ दिया जा सके। ढाई साल से पांच वर्ष तक के बच्चों को सभी निजी और प्राइवेट स्कूल में दाखिले पर रोक लगाई जाए ताकि पांच वर्ष तक के बच्चे आंगनवाडी केन्द्र पर आ सकें। आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका एवं मिनी कार्यकर्ता को एक-एक माह का ग्रीष्म कालीन अवकाश दिया जाए। आंगनवाडी कार्यकर्ता सहायिका को निर्वाचन आयोग द्वारा चुनाव में ड्युटी एवं अन्य विभाग में लगाई जाती है एवं किसी भी प्रकार की सुरक्षा निधि एवं सहयोग राशि नहीं दी जाती है इन्हे भी समस्त कर्मचारियों की तरह सहयोग राशि दी जाए। आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं मिनी आंगनवाडी कार्यकर्ताओं को सुपरवाइजर के पद पर पदोन्नत किया जाए। अनुभवी सहायिका जिनको कार्य करते हुए पांच वर्ष हो गए है उन्हें रिक्त पदों पर कार्यकर्ता का दर्जा देते हुए उम्र का बंधन समाप्त किया जाए। आंगनवाडी कार्यकर्ता एवं सहायिका एवं मिनी कार्यकर्ता सहायिका का विभाग की ओर से दुघर्टना बीमा, स्वास्थ्य Sand किया जाए एवं आकस्मिक दुर्घटना होने पर उन्हें बीमा का लाभ दिया जाए। समय पर मानदेय और भवन किराया 1 से 5 तारीख तक देना सुनिश्चित किया जाए। भवन किराया समय पर नही मिलता है। मोबाइल डाटा फ्लेक्सी फंड ओर मंगल दिवस की राशि समय पर भुगतान की जाए। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा की राशि शासन द्वारा जमा की जाए। जो कि इस वर्ष कार्यकर्ता और सहायिका के खाते से काटी गई है वह राशि शासन द्वारा जमा की जाए। आंगनबाड़ी कार्मिकों को सेवा निवृति पर 10 लाख रुपए आर्थिक सहायता एवं पेंशन सुविधा हो. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के मानदेय सेवानिवृति पर कोई सामाजिक सुरक्षा कवच नहीं है। अतः सेवानिवृति पर जीवन के अन्तिम पड़ाव वृद्धावस्था में दस लाख रुपए नकद भुगतान एवं मासिक नियमित पेंशन लाभ मिले, नीति बनायी जाए। यह सुविधा कार्मिकों के लिए वृद्धावस्था में एक लाठी का सहारा होगी। इस अवसर पर रंजना राणा प्रदेश महामंत्री, जिला कोषाध्यक्ष अनीता सोलंकी, कौशल्या तोमर, ज्योति तंवर, आरती दुबे, लक्ष्मी पगारे, मंजू लता चावला, सपना रघुवंशी, पुष्पा सोनेल, वनिता वास्कर आदि उपस्थित रहीं।

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