देवास। निरिह मवेशियों की चोरी कर वध हेतु बेचने वाली शातिर गैंग पुलिस के हाथ लगी हैं। गैंग के सरगना सहित 4 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया हैं। इनके पास से तीन वाहन भी जब्त किए गए। पुलिस ने सड़क पर घूमने वाले गौवंश एवं अन्य मवेशियों की चोरी कर उन्हें वध के लिए बेचने वाली एक अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है। यह गैंग इंदौर-नासिक-नागपुर-महाराष्ट्र हाईवे के आसपास के गांवों व कस्बों से बकरा-बकरी और गौवंश चोरी कर बेचती थी। अब तक यह गैंग सैकड़ों चोरी की वारदातों को अंजाम दे चुकी है। गौवंश वध एवं अवैध परिवहन की रोकथाम हेतु पुलिस अधीक्षक देवास पुनीत गेहलोत ने पुलिस को सख्त कार्यवाही के निर्देश दिए थे। इसी क्रम में 22 जनवरी को पानीगांव फॉरेस्ट नर्सरी में गौवंश वध एवं अवैध परिवहन की सूचना प्राप्त हुई। घटना की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) एन.एच. बाथम एवं अनुविभागीय अधिकारी (पुलिस) कन्नौद केतन अडलक के मार्गदर्शन में थाना प्रभारी कन्नौद तहजीब काजी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया। पुलिस को सूचना मिली कि कृष्णा निवासी ग्राम पानीगांव संदिग्ध रूप से गौवंश को जंगल में ले जाकर बांधता है। पुलिस टीम ने तत्परता से कार्यवाही करते हुए आरोपी कृष्णा पिता रमेश को हिरासत में लिया। पूछताछ में कृष्णा ने खुलासा किया कि वह आवारा पशुओं को गैंग सरगना यूसुफ इंदौर निवासी और उसके साथी असलम पानीगांव निवासी को बेचता था। पुलिस टीम ने त्वरित कार्यवाही करते हुए इंदौर, पानीगांव और कांटाफोड़ में दबिश दी और मुख्य आरोपी यूसुफ,असलम, नर्बद और कृष्णा को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में यूसुफ ने कबूल किया कि वह अपने साथियों के साथ मिलकर सड़क पर घूमने वाले पशुओं को पकड़कर इंदौर में बेच देता था।
गिरफ्तार आरोपियों के नाम:
1.यूसुफ पिता मुशी खा निवासी इंदौर
2.असलम पिता यासीन निवासी पानीगांव
3.नर्बद पिता रमेश निवासी पानीगांव
4.कृष्णा पिता रमेश निवासी पानीगांव
