प्रदेशवार्ता. हर इंसान कठिन परिस्थतियों में अगर हौसला, साहस न खोये तो उसे परेशानियों से बाहर निकलने का रास्ता जरूर मिलता है. एक आठ साल के बच्चे ने पांच दिन के बेहद कठिन समय में हौसला नहीं खोया और अपने साहस के बूते जंगल से जिंदा बाहर आ गया. बच्चे के इरादे मजबूत थे तो किस्मत ने भी उसका साथ दिया. ये साहस की कहानी हैं जिम्बाब्वे के आठ साल के बालक टिनोटेंडा पुंडु की.. बालक देश के खतरनाक माटुसाडोल नेशनल पार्क में अपने गांव से भटक कर 27 दिसंबर को चला गया था. जंगली जानवरों से भरे पार्क से उसका गांव 49 किमी दूर था. जंगल में पहुंचते ही बच्चे के कठिन दौर की शुरूआत हो गई. नेशनल पार्क में अगर शेर, तेंदुए थे तो हाथियों और जंगली भैंसों की भी कमी नहीं थी. बेहद खतरनाक हालतों में बच्चा फंस गया था. ऐसे कठिन समय में शुरू हुई बच्चे के हौसले की कहानी… आठ साल की उम्र ज्यादा नहीं होती लेकिन बच्चे ने गजब का संकल्प दिखाया.. भूख लगने पर बालक टिनोटेंडा ने जंगली फल खाए, पानी की प्यास लगी तो लकडी की सहायता से नदी किनारे गड्ढा खोदा, ये हुनर उसे सूखा प्रभावित इलाके में रहने के दौरान मिला था. पांच दिन बाद बच्चे का रेस्क्यू किया गया. लोग उसके जिंदा बचकर आने पर हैरान थे.
