क्राइम

दस बीघा जमीन का लालच देकर हथिया लिए आदिवासी युवक के दस्तावेज, इन्हीं के आधार पर हासिल की सरकारी नौकरी, जिसके नाम पर नौकरी मिली वो खुद गांव में बकरियां चराते मिला

प्रदेशवार्ता. आदिवासी समाज के लिए आरक्षित सीट को गैर आदिवासी ने साजिश कर हथिया ली. सरकारी नौकरी भी मिल गई. पोस्टिंग के लिए भी भेज दिया. अफसरों को हमेशा लगता कि एक आदिवासी समाज का व्यक्ति अपना कल्चर नहीं जानता, भाषा नहीं जानता. उसे आदिवासी बोली भी नहीं आती. शंका का निवारण करने उसके सभी दस्तावेज जिले के कलेक्टर के पास भेज दिए. कलेक्टर ने पटवारी को भेजकर जांच कराई तो असल नाम का व्यक्ति तो गांव में बकरी चराते हुए मिला. इसके बाद फर्जीवाडे का सारा भेद खुल गया.
फर्जीवाडे और धोखे का ये मामला मप्र के शिवपुरी में सामने आया हैं. भूरा गुर्जर नाम के एक युवक ने हरीसिंह आदिवासी बनकर आईटीबीपी (इंडियन-तिब्बत बॉर्डर पुलिस) में नौकरी हासिल कर ली। उसने एक साल तक नौकरी भी की। भूरा गुर्जर ने हरीसिंह के दस्तावेजों का इस्तेमाल करके सरकारी नौकरी पाई और एसटी आरक्षण का फायदा उठाया. भूरा गुर्जर फिलहाल आईटीबीपी की 54वीं वाहिनी में असम के सोनितपुर जिले में तैनात है. कोलारस के एसडीएम अनूप श्रीवास्तव ने बताया कि उन्होंने मामले की जानकारी आईटीबीपी को भेज दी. उन्होंने यह भी बताया कि एफआईआर भी दर्ज कराई जा रही है। 27 साल के असली हरीसिंह ने बताया कि 9 साल पहले वह आलू खोदने के लिए आगरा गया था। वहां उसकी मुलाकात भूरा गुर्जर से हुई। भूरा गुर्जर ने उसे 10 बीघा जमीन देने का लालच दिया। उसने हरीसिंह की 8वीं कक्षा की मार्कशीट, जाति प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र ले लिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button