स्वास्थ्य

ब्रेन राँट.. जब लगातार बेकार और हल्के कंटेंट देखने से हमारा दिमाग सुस्त और निष्क्रिय हो जाता.. रिल्स और शार्ट जैसी चीजे हमें बार. बार देखने के लिए प्रेरित करती.. यह प्रक्रिया दिमाग की रचनात्मकता और गहराई से सोचने की क्षमता को पहुंचा रही नुकसान….!


प्रदेश वार्ता. हमारे हाथ से स्मार्टफोन नहीं छूट रहा हैं. ये आदत हमारा मानसिक स्वास्थ्य बिगाड रही है. दिमाग की इस अवस्था को ब्रेन राँट कहते हैं. हमारा दिमाग सुस्त और इनएक्टिव होता जा रहा हैं. बच्चे, युवा, प्रोढ, महिलाएं जिसे देखों अपने स्मार्टफोन में सिर घुसाए मिलेगा. हमारी सुबह का आगाज हो, या रात में सोने की तैयारी की बात हो, जब तक अपना सेलफोन बार. बार खंगाल नहीं लेते नींद नहीं आएगी. ये आदत हमारा मानसिक स्वास्थ्य बिगाड रही है. ब्रेन राँट का सीधा संबंध हमारे सोशल मीडिया के उपयोग से है। जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक रिल्स, शार्ट और मीम्स जैसे लो-क्वालिटी कंटेंट में उलझा रहता है, तो उसकी सोचने-समझने की क्षमता धीरे-धीरे कमजोर या कम हो जाती है। सोशल मीडिया पर उपलब्ध कंटेंट अधिकतर मनोरंजन के लिए होता है, जो हमारे दिमाग को नई सूचना देने में असफल रहता है। रिल्स और शार्ट जैसी चीज़ें हमें बार-बार नई चीजें देखने के लिए प्रेरित करती हैं। यह प्रक्रिया दिमाग की रचनात्मकता और गहराई से सोचने की क्षमता को नुकसान पहुंचाती है।
ब्रेन राँट उस अवस्था को दर्शाता है, जब लगातार बेकार और हल्के कंटेंट को देखने से हमारा दिमाग सुस्त और निष्क्रिय हो जाता है। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने इसे परिभाषित करते हुए कहा, “ब्रेन राँट वह अवस्था है, जिसमें व्यक्ति की दिमागी सेहत और आंतरिक शक्ति कमजोर हो जाती है, खासकर तब, जब व्यक्ति लगातार ऐसे कंटेंट के संपर्क में रहता है, जो न तो उसे प्रेरित करता है और न ही उपयोगी होता है।”

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