
वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई।
वक्फ संशोधन बिल को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पास करने के बाद राष्ट्रपति से मंजूरी मिल चुकी है। अब वक्फ बिल कानून बन गया है। हालांकि, विपक्षी दल और मुस्लिम संगठनों ने इस बिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। अब सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई के तारीख तय कर दी है। सुप्रीम कोर्ट आने वाले 16 अप्रैल की तारीख को वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं पर सुनवाई करेगा।
केन्द्र सरकार ने कैविएट दाखिल किया
दूसरी ओर वक्फ कानून के मामले को लेकर केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल किया है। कैविएट याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा केंद्र सरकार को सुने बिना बिना कोई भी एकतरफा आदेश पारित नहीं किया जाए। अदालत कोई भी आदेश पारित करने से पहले केन्द्र सरकार की दलील भी सुने।
क्या होती है कैविएट याचिका?
कैविएट को एक तरीके का कानूनी नोटिस माना जाता है। ये किसी पक्ष द्वारा इसलिए दाखिल किया जाता है ताकि ये सुनिश्चित किया जा सके कि किसी केस की कार्यवाही में कोई आदेश देने से पहले उसे सुनवाई का मौका दिया जाए। इसे एक एहतियाती उपाय भी माना जाता है। कैविएट दाखिल करने का प्रावधान सिविल प्रक्रिया संहिता 1963 की धारा 148-ए में दिया गया है।
किन-किन लोगों ने दाखिल की याचिका?
वक्फ कानून को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में अब तक 10 से अधिक याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। याचिका दाखिल करने वालों में- DMK, कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी, असदुद्दीन ओवैसी, कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद, AIMPLB, जमीयत उलमा-ए-हिंद आदि शामिल हैं। बता दें कि प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने वक्फ कानून के खिलाफ याचिकाओं को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करते हुए विचार करने पर सहमति व्यक्त की है।
लोकसभा-राज्यसभा में कैसे हुई वोटिंग?
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीते 5 अप्रैल को वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 को मंजूरी दे दी थी। इस बिल को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में देर रात तक चली बहस के बाद पारित कर दिया गया था। वक्फ बिल को लेकर हुई वोटिंग में राज्यसभा में 128 सदस्यों ने वक्फ विधेयक के पक्ष में और 95 सदस्यों ने विरोध में वोट दिया। वहीं, लोकसभा में 288 सदस्यों ने वक्फ बिल को समर्थन दिया जबकि 232 ने विरोध में मतदान किया।
