प्रदेशवार्ता. मप्र नवाचार कर रहा हैं. सरकार ने पहले आईएएस अफसरों से उनकी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करवाया, अब एक कदम आगे बढते हुए कामकाज में कसावट लाने के लिए कोशिश की जा रही है कि आईएएस अफसर नियमित ड्यूटी में आठ घंटे का समय गंभीरता से दे.इस कवायद की शुरूआत प्रमुख सचिव के पद पर अनुराग जैन के आने के बाद हुई हैं. दरअसल मप्र के सभी जिला कलेक्टरों व अन्य जिला कार्यालयों के लिए व्यवस्था की जा रही है कि अधिकारी.कर्मचारी आठ घंटे तो दफ्तर में दे. लेकिन नीचे तक मैसेज अच्छा जाए इसके लिए शुरुआत वल्लभ भवन से की गई हैं. वल्लभ भवन में नए साल के साथ ही फेस अटेंडेंस सिस्टम लागू किया गया हैं. इसमें अधिकारी. कर्मचारी की वास्तविक लोकेशन का भी पता चल जाएगा कि वे कहा हैं. अभी तक मंत्रालय में मैनुअल अटेंडेंस और थंब मशीन का ही उपयोग किया जा रहा था. जिसमें कर्मचारियों की वास्तविक उपस्थिति का पता नहीं चलता था. इस नयी कवायद से अधिकारियों व कर्मचारियों की समय पर उपस्थिति सुनिश्चित होगी. प्रमुख सचिव की मंशानुसार इस व्यवस्था को सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे आगे बढा रहे हैं. मंत्रालय में अधिकारी. कर्मचारी मिलाकर कुल 1700 लोगों का स्टाफ हैं. लेकिन जियो टैंगिंग एप के माध्यम से हाजिरी लगाने के इस नए अभियान से खुद आईएएस अफसर दूरी बनाकर चल रहे हैं. आदेश निकालने के बाद भी नई प्रक्रिया के लिए आईएएस अफसर उत्साह नहीं दिखा रहे. हाल ये है कि एक माह गुजर जाने के बाद भी मंत्रालय में पदस्थ 50 आईएएस अफसरों में से केवल छह अफसर ही फेस अटेंडेंस एप से हाजिरी लगा रहे हैं. ये छह भी सामान्य प्रशासन विभाग से जुडे अफसर है. आईएएस अफसरों की बेरूखी के कारण एक माह बाद भी एप से हाजिरी पूरी तरह शुरू नहीं हो पाई हैं. आठ घंटे की इस अवधारणा में फिलहाल अफसर रूचि नहीं दिखा रहे हैं.
