प्रदेशवार्ता. देवास शहर अतिक्रमण की जद में हैं. पूरा शहर बढते अतिक्रमण का दबाव झेल रहा है. शहर की कोई सडक नहीं बची है जिसे अतिक्रमण करने वालों ने घेरा नहीं हो. ठेले, गुमटियों के साथ ही शेड डालकर सडक किनारे के रास्तों पर कब्जा जमा लिया गया हैं. बढते अतिक्रमण और नगर निगम की सुस्ती पर संज्ञान कलेक्टर ऋषभ गुप्ता ने भी लिया है. पिछले सोमवर 9 दिसंबर को टीएल बैठक के दौरान कलेक्टर ने नगर निगम को आदेश दिया था कि एबी रोड पर प्रभावी अतिक्रमण मुहिम चलाकर सभी तरह का अतिक्रमण हटाए लेकिन नगर निगम ने इस पर एक सप्ताह बाद भी काम शुरू नहीं किया है. देखा जाए तो नगर निगम की इस काम में शुरू से ही दिलचस्पी नहीं है. एबी रोड पर भोपाल चौराहे से लेकर टाटा चौराहे तक अतिक्रमण फैल चुका है. अगर देवास नगर निगम चाहे तो वो भोपाल की नगर निगम से सीख ले सकती हैं. भोपाल में अतिक्रमण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए जब्त सामान को 15 दिन बाद ही छोडा जाता है, वो भी शपथ पत्र लेकर जिसमें लिखा होता है कि अब उसी जगह पर दौबार कब्जा नहीं जमाऊंगा, अगर ऐसा किया तो निगम मेरा पूरा माल जब्त करने की हकदार होगी, जो वापस नहीं होगा. इस अनुबंध के बाद भोपाल में सडकों से अतिक्रमण हटने लगा है. नगर निगम आयुक्त रजनीश कसेरा अपनी जिम्मेदारी से भाग नहीं सकते, ये लोगों का हक है कि उन्हें सडकें बिना बाधा की मिले. जो अतिक्रमण है नगर निगम उस पर अभियान चलाकर कार्यवाही करे.
