जनसुनवाई में कलेक्टर के पास शिकायत पहुंची थी
देवास. महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक को कलेक्टर ने निलंबित कर दिया हैं. कलेक्टर के पास जनसुनवाई में शिकायत पहुंची थी, जिसके बाद निलंबन की ये कार्यवाही हुई. वहीं कार्यवाही से नाराज पर्यवेक्षक हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. कन्नौद में पदस्थ महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक जुबेदा बानो पर आरोप लगे थे कि उन्होंने फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी प्राप्त की है. शिकायतकर्ता नरेंद्र साहू ने जनसुनवाई में आकर कलेक्टर ऋषभ गुप्ता से शिकायती आवेदन में कहा था कि जुबेदा बानो दस प्रतिशत भी विकलांग नहीं है और उनका विकलांगता का प्रमाण पत्र फर्जी है. शिकायत 18 जून को की गई थी. शिकायत के आधार पर कलेक्टर ने जुबेदा बानो को आदेश दिया था कि वो जिला अस्पताल के दिव्यांगता बोर्ड के समक्ष उपस्थित होकर अपनी विकलांगता को सत्यापित करे, लेकिन आदेश के बाद भी जुनेदा बानो उपस्थित नहीं हुई जिसके बाद कलेक्टर ने इसे गंभीर कदाचरण का मामला बताकर जुनेदा बानो को निलंबित कर दिया. वहीं जुनेदा बानो का कहना है कि उनके पास शासन का स्थायी विकलांगता प्रमाण पत्र है, और उन्हें फिर से इसे साबित करने की जरूरत नहीं हैं. वे इस मामले में हाईकोर्ट जाने की बात कर रही हैं.
