ऐसे बिजली उपभोक्ता जिन्होंने एक से अधिक कनेक्शन ले रखे वे हो जाए सावधान, उन पर भी कार्यवाही का आदेश
देवास. बिजली कंपनी के काम में बडा बदलाव शासन स्तर से किया गया है, जिसके बाद जिला प्रशासन का सीधा हस्तक्षेप बिजली विभाग के काम पर हो जाएगा. बिजली चोरी रोकने, बकाया वसूली, सब्सिडी का दुरूपयोग रोकने सहित सभी काम अब कलेक्टर के निर्देश पर पूरे होंगे, नगर निगम की जिम्मेदारी भी शहरी क्षेत्र में बढाई गई है और नगर निगम आयुक्त भी अब बिजली चोरी रोकते देखे जा सकेंगे. इसके लिए जल्द ही जिला स्तरीय विद्युत अंतर्विभागीय समन्वय समिति गठित होने वाली है. ये समिति कलेक्टर के अंडर काम करेगी और राजस्व संग्रह में वृद्धि एवं सब्सिडी के दुरूपयोग को रोकेगी. ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि प्रदेश में विद्युत संबंधी स्थानीय मामलों के त्वरित निराकरण एवं विद्युत देयकों के राजस्व संग्रहण में बढ़ोतरी और राज्य शासन द्वारा दी जा रही विद्युत सब्सिडी के दुरुपयोग को रोकने के लिए जिला स्तरीय विद्युत अंतर्विभागीय समन्वय समिति का गठन किया गया है। राज्य शासन द्वारा गठित इस जिला स्तरीय समिति में जिला कलेक्टर पदेन अध्यक्ष होंगे और पुलिस आयुक्त/पुलिस अधीक्षक, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी, नगर निगम आयुक्त, मुख्य नगर पालिका अधिकारी सदस्य के रूप में रहेंगे। विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण अभियंता/ महाप्रबंधक शहर /(संचारण/संधारण) को सदस्य एवं संयोजक नियुक्त किया गया है। ऐसे काम करेगी समन्वय समिति.. जिला स्तरीय अंतर्विभागीय समन्वय समिति द्वारा जिला प्रशासन के समन्वय एवं सहयोग से विद्युत उपभोग की प्रवृत्ति में सकारात्मक परिवर्तन करना एवं प्रभावी राजस्व प्रबंधन करने के साथ ही बकाया राशि वाले क्षेत्रों एवं उपभोक्ताओं को चिन्हांकित करना, विद्युत उपभोक्ताओं का केवाईसी सुनिश्चित करना, जिससे डाटा एनालिसिस के आधार पर पात्र उपभोक्ताओं की पहचान की जा सके, ऐसे उपभोक्ताओं की पहचान करना जिनके द्वारा जानबूझकर बकाया विद्युत बिल का भुगतान नहीं किया जा रहा है तथा अनियमित तरीके से विद्युत बिल कम करने के प्रकरणों में कार्रवाई की जायेगी। समिति द्वारा काल्पनिक उपभोक्ता एवं एक ही व्यक्ति के कई विद्युत कनेक्शन का चिन्हांकन कर कार्रवाई की जाएगी। समिति द्वारा विद्युत उपभोक्ताओं व उनके परिवारजन के बैंक खातों की जानकारी प्राप्त करके मध्यप्रदेश गवर्नमेंट इलेक्ट्रिकल अंडरटेकिंग (ड्यूज़ रिकवरी) एक्ट 1961 के अंतर्गत बैंक खाते के माध्यम से राशि प्राप्त की जाएगी। समिति राजस्व प्रबंधन के लिये विद्युत चोरी पकड़ने एवं बकाया राशि की वसूली के दौरान विद्युत कार्मिकों के साथ अभद्र व्यवहार की स्थिति में त्वरित वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित कर सुरक्षा प्रदान करने की कार्य योजना तैयार करेगी।बिजली चोरी पर अब होगी सख्त कार्यवाही….समिति जिले में शासकीय विभागों पर विद्युत कंपनी की बकाया राशि का भुगतान सुनिश्चित करना, अवैध कालोनी सहित अन्य रहवासी क्षेत्रों में विद्युत चोरी की रोकथाम के प्रति जन जागरूकता अभियान चलाना तथा अवैध कॉलोनी के प्रकरणों में विद्युत अधोसंरचना के विकास के लिये प्रभावी कार्रवाई करने के साथ ही जिला न्यायालयों में लंबित विद्युत संबंधी प्रकरणों की समीक्षा एवं त्वरित प्रभावी निराकरण के लिये आवश्यक समन्वय करेगी। विद्युत संबंधी शिकायतों के निराकरण के लिए केंद्रीकृत कॉल सेन्टर नंबर 1912 के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए नागरिकों को प्रेरित एवं जागरूक करेगी।हर माह होगी कार्य की समीक्षा..उल्लेखनीय है कि राज्य शासन द्वारा गठित इस समिति द्वारा विद्युत कंपनियों से क्वालिटी आफ सर्विस की अपेक्षा भी की गई है। जिला स्तरीय विद्युत अंतर्विभागीय समन्वय समिति प्रतिमाह बैठक होगी।